मूल रूप से सामंती एवं विषम अर्थव्यवस्था वाले समाज के साथ एक व्यक्ति-एक वोट-एक मूल्य के सिद्धांत पर आधारित आधुनिक लोकतंत्र का प्रयोग करते हुए नए भारत ने अपनी यात्रा शुरू की।
2.
भारतीय संविधान के माध्यम से वर्णवादी आर्थिक परिणामो को उचित समझकर धारा-३ १ के तहत आधुनिक आझाद भारत में वर्णवादी विषम अर्थव्यवस्था को कायम किया, क्या इसे ही सही जनतंत्र कहा जा सकता है?